विश्व के साथ-साथ कोरॉना वायरस अब भारत में मंद गति से अपने प्रचंड रूप की ओर अग्रसर है।
निश्चित रूप से भारत के लिए एक बहुत ही चुनौती पूर्ण दौर शुरू होने वाला है। मुख्य चुनौती इसको आगे ना बढ़ने से रोकना है। इसके अतिरिक्त सामाजिक, मानसिक, आर्थिक, भौतिक, एवम् सौहार्द पर भी बहुत व्यापक स्तर पर इस युद्ध से लडने के लिए हर मोर्चे पर तैयार रहना होगा।
ये युद्ध केवल वैश्विक स्तर और राष्ट्रीय स्तर मात्र का नहीं है बल्कि ये युद्ध नागरिक स्तर का है। यह सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह नागरिकों के मध्य किस प्रकार से सामंजस्य स्थापित कर सकती है, वह कैसे अफवाओं पर रोक लगा सकती है, नागरिकों का मनोबल कैसे बढ़ा सकती है।
इस बीमारी का केवल एक ही प्रतिरोधक है और वह है जागरूकता, जागरूकता इस बीमारी से बचाव के लिए, जागरूकता इस बीमारी के लक्षणों के बारे में, जागरूकता प्राथमिक क़दमों के बारे में।
इस समय नागरिकों की भूमिका एक सैनिक की तरह होनी चाहिए जो युद्ध के समय अतरिक्त संवेदनशील होता है। अपने आस पास विशेष ध्यान रखने के जरूरत है । आस पास के लोगों मूल्यांकन करना भी अति आवश्यक है।
अपना और अपनों का ध्यान रखें।

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