कोरॉना वायरस का जन्मदाता चीन

अब यह तो सर्वविदित है कि कोरोना वायरस का जन्म चीन के वुहान शहर में हुआ था। चीन इसको भले ही कितना तोड़ मरोड़ कर पेश करे, पर अधिकांश विश्व के देशों का यही मानना है कि चीन ही इस वायरस के लिए जिम्मेदार है। वॉल स्ट्रीट जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार इस महामारी का पेशेंट ज़ीरो (वह व्यक्ति जिसको महामारी का सबसे पहला मरीज़ घोषित किया गया हो) वह चीन के वुहान शहर के हुनान सीफूड मार्केट में मछलियों और झींगो को बेचा करती थी और उनका नाम वेई गुइझियन है। वह 57 वर्ष की हैं। उनको शुरआती दिनों में  कोरोना वायरस महामारी के लक्षण दिखाई दिए। सबसे पहले तो उन्होंने इसका प्राथमिक उपचार किया परन्तु जब उनकी बीमारी में कोई सुधार नहीं हुआ तो पहले उन्होंने वुहान के इलेवंथ हॉस्पिटल और बाद में वुहान यूनियन हॉस्पिटल में अपना उपचार कराया जहां पहली बार 16 दिसम्बर को उनको कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। अब एकांतवास और इलाज के बाद वह सवस्थ हैं। जब हुनान सीफूड मार्केट के ओर भी लोग अपना उपचार कराने के लिए अस्पताल पहुंचने लगे तब यह स्पष्ट हो गया कि यह एक महामारी है जो संक्रमित लोगों के संपर्क मात्र से बहुत तेज़ी से बढ़ रही है।
31 दिसम्बर को पहली बार चीन ने 27 संक्रमित लोगों को
पहली बार आधिकारिक तौर पर अपनी रिपोर्ट में जगह दी। अभी तक के संशोधनों से यह सामने आया है कि यह वायरस चमदागड से पेंगुलिन और पेंगुलीन से इंसान के संपर्क आया।
सबसे पहले इस वायरस का फैलाव भी चीन के वुहान शहर में ही हुआ है। चीन जितना चाहे अपनी छवि को बचाने का प्रयास कर रहा हो परन्तु सत्य यह है कि उसकी छवि पूरे विश्व के इस वायरस के जन्मदाता के रूप में कुख्यात हो चुकी है। अमरीकी राष्ट्रपति ने तो स्पष्ट तौर पर इसको चाइनीज़ वायरस और वुहान वायरस के नाम से प्रचारित करना भी शुरू कर दिया है। यही नहीं इटली ने तो चीन पर वॉर डैमेज की भरपाई करने का दावा भी कर दिया है। भले ही चीन ने इसको एक अमरीकी वायरस बता कर अपने लोगों को भ्रमित करने का काम शुरू कर दिया हो परन्तु यह एक चीन में पैदा और फैला हुआ वायरस है।
अपने और अपनों का ध्यान रखे। धन्यवाद!




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