मेरा नाम का परिचय

नमस्कार दोस्तों, जैसा कि आप सभी जानते हैं मेरा नाम वासुदेव है। यहां मेरे परिचय का केवल इतना ही औचित्य है कि अगर आप जब मेरे निजी अनुभवों के बारे में पढ़े और समझे तो आपके मन में मेरी एक छवि हो। निश्चित तौर पर आपके मन में एक पूर्वाग्रह बन चुका होगा कि इस लेख में अपको मेरे गुणों के बारे में पढ़ने को मिलेगा परन्तु मेरे में कोई ऐसा ख़ास गुण भी तो नहीं हैं जिनका में व्याखान कर सकूं। तो अपने बारे में बताना शुरू करता हूं। पिता जी द्वारा दिए गए नाम के साथ मेरा जन्म 7 अगस्त 1996 ईसवी को एक छोटे से कस्बे हसनपुर में हुआ जो भारत देश के ख्यात और कुख्यात प्रदेश, उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में स्थित है। मेरा जन्मकुंडली के अनुसार उध्व नाम है। मेरे माता पिता के द्वारा दिया गया नाम वासुदेव, हिन्दू धर्म के एक प्रसिद्ध देवता का नाम है। नहीं, वासुदेव श्री कृष्ण के पिता का नहीं अपितु उनका स्वयं का नाम है। उनके पिता का नाम वसुदेव था। अब नाम के विषय में, मेरे नाम के दो अर्थ हैं। कृष्ण के नाम के रूप में, वासुदेव इस तथ्य को संदर्भित करते हैं कि वे वासुदेव के पुत्र हैं। लेकिन वासुदेव कृष्ण के समय से बहुत पहले विष्णु का एक नाम रहा है। उदाहरण के लिए, वाल्मीकि रामायण का एक अध्याय विष्णु के अवतार कपिला को वासुदेव के रूप में संदर्भित करता है। यह कैसे हो सकता है? ऐसा इसलिए है क्योंकि वासुदेव का एक और अर्थ है। विष्णु के नाम के रूप में, यह इस तथ्य को संदर्भित करता है कि चूंकि विष्णु सर्वोच्च ब्राह्म हैं, वे सभी प्राणियों में निवास करने वाले हैं।
वासुदेव शब्द का अर्थ है कि सभी प्राणी उस परम अस्तित्व में रहते हैं, और वह सभी प्राणियों में बसता है।
विष्णु पुराण महाभारत के उदय पर्व का एक श्लोक बहुत कुछ कहता है:

वासनात् सर्वभूता वसुतवेद देव योनिता।
वासुदेवस् ततो विदो वातवद वक्यते।।

तो यह शब्द मूल "वास" से आया है, जिसका अर्थ है वास या निवास करना। 

वर्ण व्यवस्था के अनुसार में यादव यानि क्षत्रिय हूं।मेरी नाम राशि वृषभ है। और ऐसा कहा भी जाता है कि वासुदेव नाम वाले व्यक्ति आलसी, आराम तलबी और खाने पीने के बहुत शौकीन होते है और शायद में अपने नाम के अनुरूप हूं भी। सभी बुराइयां ही नहीं एक दो अच्छी बातें भी हैं जैसे की इस नाम वाले लोग विश्वास पात्र व मिलनसार होते हैं। अब इस बात को मैं सत्यापित नहीं कर सकता इसके लिए आपको इस चीज को सत्यापित करने के लिए मेरे मित्रों, रिश्तेदारों व शत्रुओं से परामर्श लेना होगा। मैं अपने नाम के बारे में और भी जनता ही परन्तु मुझे लगता है कि इतना ही पर्याप्त है यहां बताने के लिए।
अपने और अपनों का ध्यान रखें
दूसरों के साथ कुछ जानकारी अपने बारे में भी जुटाएं। धन्यवाद!

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