तुम भी कोई जिन्दा हो

ना दीन है ना दान है, ना धर्म है ना ईमान है

तुम भी कोई जिन्दा हो, मुर्दे के ही तो समान हो

ना दया है ना भाव है, ना दिल है ना दिमाग है 

तुम भी कोई इंसान हो, पशु के ही तो समान हो


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