विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल 1948 को की गयी थी इसलिए प्रत्येक वर्ष 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता हैं। यह संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ की एक अनुषांगिक इकाई है जिसमें कुल 193 देश, सदस्य के रूप में शामिल हैं। इसका उद्देश्य विश्व के सभी देशों में स्वास्थ्य संबंधी सामंजस्य बनाए रखना तथा लोगो को स्वास्थ्य की दृष्टि से सक्षम और विकसित करना है।
वैसे 2020 का यह स्वास्थ्य दिवस किसी मज़ाक से कम नहीं है क्योंकि आज की दृष्टि से अगर देखा जाए तो यह एक विफल और विशेष देशों की चाटुकार संस्था है। कोरोना महामारी को वैश्विक महामारी बनाने में सबसे मुख्य भूमिका अगर किसी की है, तो वह WHO है। WHO अभी कुछ हफ्तों पहले तक कोरोना जैसे महामारी को, महामारी तक मानने के लिए भी तैयार नहीं था। WHO में आर्थिक दृष्टि से अमेरिका 22% की और चीन 12% की हिस्सेदारी रखता है परन्तु कोरोना संकट के दौरान उसने बड़ी ही निर्लजजतापूर्वक केवल चीन के हितों की रक्षा की है। चीन के बाद अगर इस बीमारी का कोई मुख्य अभियुक्त है तो वह विश्व स्वास्थ्य संगठन है।
WHO का मुख्यालय स्विटजरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है। इथियोपिया के डॉक्टर टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस विश्व स्वास्थ्य संगठन के हाल ही में नए महानिदेशक निर्वाचित हुए हैं। WHO के इस रवैए का एक जो मुख्य कारण है वह टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस हैं जोकि कम्युनिस्ट विचरधारा के समर्थक माने जाते हैं। इसी कारण उनका रवैया चीन के प्रति अति सौम्य है।
वैसे 2020 का यह स्वास्थ्य दिवस किसी मज़ाक से कम नहीं है क्योंकि आज की दृष्टि से अगर देखा जाए तो यह एक विफल और विशेष देशों की चाटुकार संस्था है। कोरोना महामारी को वैश्विक महामारी बनाने में सबसे मुख्य भूमिका अगर किसी की है, तो वह WHO है। WHO अभी कुछ हफ्तों पहले तक कोरोना जैसे महामारी को, महामारी तक मानने के लिए भी तैयार नहीं था। WHO में आर्थिक दृष्टि से अमेरिका 22% की और चीन 12% की हिस्सेदारी रखता है परन्तु कोरोना संकट के दौरान उसने बड़ी ही निर्लजजतापूर्वक केवल चीन के हितों की रक्षा की है। चीन के बाद अगर इस बीमारी का कोई मुख्य अभियुक्त है तो वह विश्व स्वास्थ्य संगठन है।
WHO का मुख्यालय स्विटजरलैंड के जेनेवा शहर में स्थित है। इथियोपिया के डॉक्टर टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस विश्व स्वास्थ्य संगठन के हाल ही में नए महानिदेशक निर्वाचित हुए हैं। WHO के इस रवैए का एक जो मुख्य कारण है वह टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस हैं जोकि कम्युनिस्ट विचरधारा के समर्थक माने जाते हैं। इसी कारण उनका रवैया चीन के प्रति अति सौम्य है।
एक खबर के अनुसार 31 दिसम्बर 2019 को ताइवान ने WHO को चीन में फैल रही एक संक्रामक बीमारी एक बारे में आगाह किया था। इस चेतावनी पर ध्यान ना देते हुए 14 जनवरी 2020 को ट्विटर के माध्यम से बताया कि बीमारी संक्रमण से नहीं फैल रही। इस पर ताइवान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए WHO को चीन का बंधक बताया। जापान के उपप्रधामंत्री ने तो विश्व स्वास्थ्य संगठन को चाइनीज़ हेल्थ आर्गनाइजेशन तक करार दे दिया। और इसके बाद WHO के मुखिया का चीन का महिमा मंडन करना तो ओर भी निराशजनक है। चीन का इस बीमारी को छुपाना और विश्व स्वास्थ्य संगठन का चीन प्रति रुख कहीं ना कहीं सवाल तो खड़ा करता ही है। अगर समय से पहले इस बीमारी की सूचना WHO द्वारा पूरे विश्व को दे दी जाती तो शायद मंज़र इतना बदतर ना होता।
WHO को यह तय करना होगा कि उसको एक विशेष देश का गुलाम बन कर रहना है या स्वास्थ्य की एक वैश्विक संस्था।
विश्व भर के लिए तो आज का दिन विश्व स्वास्थ्य दिवस बिल्कुल भी नहीं हो सकता भले ही WHO को उनका ये दिवस मुबारक हो।
धन्यवाद्।
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