चीन, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और सबसे अधिक आबादी वाला देश बहुत लंबे समय से अपने महाशक्तिशाली बनने की महत्वकांक्षा को पूरा करने में जुटा था और उसका यह सपना अब अपने गंतव्य की ओर अग्रसर होता भी दिख रहा है। इसके लिए चीन ने साम, दाम, दण्ड, भेद कोई भी ऐसा मार्ग नहीं छोड़ा है जिससे वह इस लक्ष्य तक ना पहुंच सके। प्रमुख वैश्विक संस्थानों में चीनी मूल के लोगों का दख़ल होना हो या वन बेल्ट वन रोड के तहत देशों को अपार कर्ज देकर उनसे अपने हितों को साधना हो, एक संयोग मात्र नहीं हो सकता। हाल ही में चीन के वुहान शहर द्वारा जनित कोरोना वायरस ने दुनिया में त्राहि - त्राहि मचाई हुई है। दी वाशिंगटन पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी दूतावास के अधिकारियों ने कई बार वुहान शहर के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) का दौरा किया और आधिकारिक चेतावनियों में प्रयोगशाला में अपर्याप्त सुरक्षा के बारे में बताया।
उन्होंने यह भी बताया कि "WIV प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों के साथ बातचीत के दौरान, उन्होंने नोट किया कि नई लैब में उचित रूप से प्रशिक्षित तकनीशियनों और जांचकर्ताओं की गंभीर कमी है और चेतावनी दी कि बैट कोरोना वायरस और उनसे संभावित मानव संचरण पर लैब का काम एक नए SARS जैसे महामारी के जोखिम का प्रतिनिधित्व करता है।"
यह रिपोर्ट चीन की घातक महत्वकांक्षाओं को प्रदर्शित करने के लिए पर्याप्त है। यदि इन रिपोर्टों की सत्यता साबित होती है तो यह चीन की घोर लापरवाही और उनका एजेंडा पूरी दुनिया के सामने आ जाएगा।
इसके अतिरिक्त, अमरीकी प्रशासन की एक रिपोर्ट में चीन पर परमाणु कार्यक्रम को तेज और परमाणु परीक्षण करने का आरोप लगते हुए कहा कि "चीन निगरानी स्टेशनों से डेटा के प्रवाह को अवरुद्ध कर रहा है।" विवाद के मूल में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध समझौता (CTBT) है, जिसे 1996 में संपन्न किया गया था। समझौते में परमाणु हथियारों की सुरक्षा और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए गतिविधियों की एक श्रृंखला की अनुमति दी गई है, जिसमें मिसाइल सामग्री से जुड़े प्रयोग भी शामिल हैं।
अभी तक यह केवल आरोप मात्र हैं। कोई भी अधिकारी सबूत इन रिपर्टों की सत्यता को साबित नहीं करते हैं। इसके अतरिक्त वैसे तो किसी को भी चीन के द्वारा COVID-19 के दिए गए आंकडों पर विश्वास नहीं है परन्तु हाल ही में वुहान का चीनी शहर, जहां पिछले साल कोरोनोवायरस की उत्पत्ति हुई थी, ने अपने आधिकारिक कोविद -19 की मौत को 50% बढ़ा दिया है, जिसमें 1,290 मृत्युदर शामिल हैं। नवीनतम आधिकारिक आंकड़े चीन के मध्य हुबेई प्रांत में शहर में मृत्यु दर को 3,869 तक लाते हैं, जिससे राष्ट्रीय कुल 4,600 से अधिक हो जाता है।
वुहान की मृत्यु के लगभग 50% की वृद्धि ने भले ही कुछ विश्लेषकों को आश्चर्यचकित कर दिया हो परन्तु विश्व के अन्य देशों के लिए ये आंकड़े चौकाने वाले नहीं हैं। इसके उल्ट अन्य देशों ने यह सुनिश्चित कर लिया है कि चीन अपने असली आंकड़ों को ग़लत प्रदर्शित कर रहा है और संक्रमित व मारने वालों की संख्या को बहुत कम बात रहा है।
इन सब से जाहिर होता है कि चीन COVID-19 की आड़ में बहुत कुछ खिचड़ी पका रहा है।
0 टिप्पणियाँ